तव तत्त्वं न जानामि कीदृशोऽसि महेश्वर ।
यादृशोऽसि महादेव तादृशाय नमो नमः ॥
(श्री पुष्पदन्त विरचितं शिवमहिम्नः स्तोत्रं, ४१)
O Lord, I do not know Your true nature. O Great God, whatever be your real nature, my salutations to that, again and again.
(Shiva Mahimnah Stotra, verse 41)
हे प्रभु, मैं आपके वास्तविक स्वरुप को नहीं जानता। हे महेश्वर, आपका प्रकृत स्वरूप जैसा भि हैं उस स्वरूपको मेरा बारंबार प्रणाम ।
(श्री पुष्पदन्त द्वारा रचित शिवमहिम्नः स्तोत्र, ४१)
হে প্রভু, আমি তোমার প্রকৃত স্বরূপ জানিনা | হে মহেশ্ৱর, যা তোমার প্রকৃত স্বরূপ, সেই স্বরূপকে আমার বারংবার প্রণাম |
(শ্রীপুষ্পদন্ত বিরচিত শিবমহিম্নঃ স্তোত্র, ৪১)